Shrimad Bhagavad Gita – Chapter 16 DaiwaSurSampdwiBhagYog भगवद गीता अध्याय 16 दैवासुरसम्पद्विभागयोग

अथ षोडशोऽध्यायः- दैवासुरसम्पद्विभागयोग फलसहित दैवी और आसुरी संपदा का कथन श्रीभगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः। दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्‌॥16.1॥ śrī bhagavānuvāca abhayaṅ sattvasaṅśuddhiḥ jñānayōgavyavasthitiḥ. dānaṅ damaśca yajñaśca svādhyāyastapa ārjavam৷৷16.1৷৷ भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के लिए ध्यान योग में निरन्तर दृढ़ स्थिति (परमात्मा के स्वरूप को तत्त्व … Read more