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Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi श्री सूक्त पाठ करने की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ से पाये

श्री सूक्त पाठ करने की विधि | Shree Suktam Path Karne Ki Vidhi | Shree Suktam Path Vidhi | Shree Suktam Ka Path Kaise Kare | Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi श्री सूक्त पाठ करने की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ से पाये : हमारे हिन्दू धर्म में धन की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि जिस व्यक्ति के घर में मां लक्ष्मी देवी विराजमान होती हैं उस घर में कभी दरिद्रता यानी गरीबी कभी नहीं आती. वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में देवी लक्ष्मी को पाने और उसे मनाने के लिए काफी तरह के उपाय, पूजा-विधि व मंत्र बताये गये हैं. लेकिन मां लक्ष्मी देवी को खुश करने का सबसे आसन तरीका श्रीसूक्त का नियमित पाठ करना. ऐसा करने से व्यक्ति अपने जीवन में दुर्भाग्य से कोसों दूर रहता है.

आइए जानते हैं इस Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi। Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे श्री सूक्त पाठ करने की विधि || Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi को पढ़कर आप श्रीसूक्त पाठ करने की सही जानकारी प्राप्त कर सकते हो। जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi. 

श्री सूक्त पाठ करने की विधि || Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi

Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi श्री सूक्त पाठ करने की सम्पूर्ण जानकरी यहाँ से पाये

श्री सूक्त पाठ पूजा का महत्व || Sri Suktam Path Puja Ka Mahtva

ऋग्वेद में श्री सूक्त पाठ को एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र माने जाते हैं. श्री सूक्त के नियमित पाठ करने से व्यक्ति के ऊपर माँ लक्ष्मी व् भगवान विष्णु दोनों की कृपा बनी रहती हैं. जो व्यक्ति श्रीसूक्त का नियमित रूप से पाठ करते वे अपने जीवन में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य हमेशा स्थिर रहता हैं, व्यक्ति के ऊपर गरीबी का साया नही रहता हैं. ऐसा कहा जाता है की श्री सूक्त के पाठ और मन्त्रों के जाप तथा इन मन्त्रों से हवन करने से मनचाही मनोकामना पूरी होती हैं। यदि कोई जातक शिवरात्रि, श्री कृष्णजन्माष्टमी, विजयदशमी और दिवाली की रात्रि में श्री सूक्त का पाठ और मंत्रों के जाप से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

श्री सूक्त पाठ की विधि || Sri Suktam Path Ki Vidhi

  • ऋग्वेद के अनुसार विधि विधान से श्री सूक्त का पाठ करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है.
  • आप श्रीसूक्त का पाठ रोजाना या हर शुक्रवार के दिन सुबह या शाम को कर सकते हैं.
  • सबसे पहले व्यक्ति को नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान आदि करके सफेद वस्त्र धारण करें.
  • उसके बाद अपने पास स्थित श्री लक्ष्मी मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल पर जाकर सफ़ेद आसन पर बैठकर अपने सामने लकड़ी के पाटे या चौकी रखकर उसके ऊपर सफ़ेद कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा को रखें.
  • ऐसा करने के बाद अब माता लक्ष्मी जी का षोडशोपचार पूजन करें, तथा माँ लक्ष्मी जी को सफ़ेद पुष्प अर्पित करके उसके समक्ष शुद्ध घी का दीपक लगाएं.
  • यह सब क्रिया करने के बाद नीचे बताये अनुसार संकल्प लें.

सबसे पहले आप अपने दांये हाथ में जल लेकर अमुक नाम, अमुक पिता, अमुक गोत्र, स्थान आदि बोलकर “ॐ मम स कुटुम्बस्य स परिवारस्य नित्य कल्याण प्राप्ति अर्थं अलक्ष्मी विनाशपूर्वकं दशविध लक्ष्मी प्राप्ति अर्थं श्री महालक्ष्मी प्रीत्यर्थं यथा शक्ति श्रीसूक्तस्य पाठं अहं करिष्ये।” मंत्र पढ़कर हाथ में लिया हुआ जल वहीँ पृथ्वी पर छोड़ दें।

  • इसके पश्चात श्रीसूक्त का विनियोग, पूर्व न्यास, महालक्ष्मी ध्यान और मानसोपचार पूजा करके श्रीसूक्त का पाठ पढ़ना आरम्भ करें।
  • श्रीसूक्त का पाठ पूरा होने के बाद माँ लक्ष्मी को खीर का भोग लगाये.
  • श्रीसूक्त का पाठ पूर्ण होने के बाद आपसे पढ़ने में हुई जाने अनजाने गलती के लिए झमा याचना मांग लें.
  • यदि आप किसी विशेष कामना के लिए श्रीसूक्त का पाठ कर रहे हो तो निश्चित संख्या को निर्धारित समय पाठ करने के बाद श्री सूक्त पाठ से हवन करें और हवन के दौरान श्री सूक्त स्त्रोत के एक-एक मंत्र का उच्चारण करते हुए कमलगट्टे को गाय के घी में मिलाकर स्वाहा के साथ आहुति अर्पित करें.

श्री सूक्त के कितने पाठ करने चाहिए || Sri Suktam Ke Kitane Path Karne Chahiye

  1. यदि आप किसी कार्य में शीघ्रफल की प्राप्ति करना चाहते हो तो प्रतिदिन 16 पाठ करे।
  2. नवरात्रि में नौ दिनों में प्रतिदिन 16 पाठ करके  और दशमी दिन दशांस यज्ञ-तर्पण-मार्जन करे |
  3. श्रीसूक्त का प्रथम अनुष्ठान 1200 पाठ करे | तथा उसका दशांस-यज्ञ-तर्पण-मार्जन- करे | Sri Suktam Path Karne Ki Vidhi अनुसार ऐसा करने से जातक को अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.

श्री सूक्त पाठ कब करें || Sri Suktam Path Kab Kare

वैसे तो व्यक्ति इसका रोजाना शाम के समय पाठ कर सकता हैं, परन्तु आपके पास समय की कमी रहती हैं तो केवल शुक्रवार की शाम को इसका पाठ अवश्य करें.

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