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श्री नाग देवता की आरती || Shri Naag Devta Ki Aarti || Shri Nag Devta Ki Aarti

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श्री नाग देवता की आरती || Shri Naag Devta Ki Aarti || Shri Nag Devta Ki Aarti

नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा अर्चना में Shri Naag Devta Ki Aarti की जाती हैं। नागपंचमी के दिन नाग देवता की आरती में चांदी, पीतल या तांबे की थाली से आरती करना शुभ बताया गया है । श्री नाग देवता की आरती की थाली में गाय के घी का आटे से बना दीपक या पीतल से बना दीपक से आरती करनी चाहिए। Shri Naag Devta Ki Aarti करने से पहले तीन बार दाहिने तरफ और 5 बार बाँये तरफ आरती घुमानी चाहिए । Shri Naag Devta Ki Aarti करते समय घंटी और शंख का वादन करने से घर और घर के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती हैं । यंहा पर Shri Naag Devta Ki Aarti बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Shri Naag Devta Ki Aarti By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi. 

श्री नाग देवता की आरती || Shri Naag Devta Ki Aarti

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।

उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त, सभी करते है सेवा ।।

मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते ।

आरती कीजे श्री नाग देवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

भक्तो के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की ।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है पूजा ।

श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा ।।

दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की ।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

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