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कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा || Kartik Purnima Vrat Katha || Kartik Purnima Katha
Kartik Purnima Vrat Katha : आज है कार्तिक पूर्णिमा, पढ़ें इस पावन दिन से जुड़ी पौराणिक कथा : हिंदु धर्म शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा को बहुत ही शुभ दिन माना गया हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता दीपावली मनाते हैं। इसलिये इसे देव-दीपावली के नाम से भी पुकारा जाता हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। सृष्टि को जलप्रलय से बचाने, वेदों की रक्षा और हयग्रीव नामक असुर के सन्हार के लिये भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। भगवान विष्णु ने राजा सत्यव्रत (जिन्हे हम मनु के नाम से जानते हैं) को के मछली के रूप में आकर जलप्रलय के विषय में बताया था। सत्यव्रत को उन्होने कहा कि वो सप्तऋषि, सभी प्रकार की वनस्पति, अनाज और जीवों के साथ जलप्रलय से पूर्व बताये गये नियत स्थान पर पहुँच जाये। जिससे जलप्रलय के बाद सृष्टि का पुन: निर्माण हो सकें। Kartik Purnima Vrat Katha
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एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करके तीनों लोकों को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। तारकासुर के वध के बाद उसके तीन पुत्रों ने ब्रह्माजी से वरदान पाकर देवाताओं और मनुष्यों पर अत्याचार करना आरम्भ कर दिया था। सभी देवताओं ने भगवान शिव से त्रिपुरासुर का वध करने की प्रार्थना की, तब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया और जिसके कारण भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता हैं। कार्तिक पूर्णिमा को भी त्रिपुरारी पूर्णिमा और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से पुकारा जाता हैं।
हिंदु मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान ब्रह्मा जी राजस्थान के पुष्कर स्थित ब्रह्म सरोवर में अवतरित हुये थे। यहाँ परमपिता ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मा जी के अवतरण के कारण, इस दिन ब्रह्म सरोवर में स्नान करना बहुत ही शुभ और पुण्य फलदायी माना जाता हैं। इस दिन यहाँ पर विशेष पूजन का आयोजन किया जाता हैं। Kartik Purnima Vrat Katha
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एक धर्म कथा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन वैकुंठधाम में श्री तुलसी प्रकट हुयी थी। फिर उनका जन्म धरती पर हुआ। इस दिन तुलसी जी की पूजा भी की जाती हैं।
सिख धर्म में भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन का विशेष महत्व हैं। इस दिन सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरू नानक देव जी का जन्म हुआ था। इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरू नानक देव जी जयन्ती को गुरू पर्व के रूप में मनाते हैं। Kartik Purnima Vrat Katha
इस दिन कार्तिक स्नान का समापन होता हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थान, नदी या सरोवर पर स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता हैं। इस दिन गर्म वस्त्र, मिठाई, अनाज और भोजन आदि का दान करना चाहियें।
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