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दशहरा पूजा विधि || Dussehra Puja Vidhi || Ravan Dahan Ka Muhurat
दशहरा का पर्व शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के दूसरे दिन मनाया जाता है । इस दिन लोग बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाते हैं। विश्व में शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों तक रामलीला के आयोजन करने भगवान श्री राम और रावण के युद्ध की पूरी कहानी को नाटक के रूप में दिखाया जाता है और नवमी तिथि के बाद दशमी तिथि के दिन रावण दहन किया जाता है। दशहरा के दिन रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाथ के भी पुतलों को फूंका जाता है तो आइए जानते हैं Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे दशहरा की पूजा विधि || Dussehra Puja Vidhi || Ravan Dahan Ka Muhurat को पढ़कर आप भी बहुत आसन तरीक़े से दशहरा की पूजा कर सकते हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Dussehra Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.
दशहरा पूजा विधि || Dussehra Puja Vidhi || Ravan Dahan Ka Muhurat
दशहरा कब मनाया जाता हैं 2022 || Dussehra Kab Manaya Jata Hai 2022 || Vijayadashami Kab Manaya Jata Hai 2022
अश्विनी माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है !
दशहरा कब हैं 2022 || Dussehra 2022 Date || Vijayadashami 2022 Date
इस साल 2022 में विजय दशमी का पर्व 5 अक्टूबर 2022 वार बुधवार के दिन बनाया जायेगा !
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रावण दहन का मुहूर्त 2022 || Ravan Dahan Ka Muhurat 2022
दिल्ली में Ravan Dahan का मुहूर्त : शाम 6:03 मिनट से रात 6:48 मिनट तक,
जयपुर में Ravan Dahan का मुहूर्त : शाम 6:05 मिनट से रात 6:50 मिनट तक,
भोपाल में Ravan Dahan का मुहूर्त : शाम 6:02 मिनट से रात 6:47 मिनट तक,
मुंबई में Ravan Dahan का मुहूर्त : शाम 6:33 मिनट से रात 07:18 मिनट तक,
अहमदाबाद में Ravan Dahan का मुहूर्त : शाम 06:25 मिनट से रात 07:10 मिनट तक।
इनके आसपास के शहरों में समय 10 मिनट बढ़ाकर रावण दहन किया जा सकता है।
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दशहरा का महत्व || Dussehra Ka Mahatva || Vijayadashami Ka Mahatva
दशहरा के दिन भगवान श्री राम जी ने दस सिरों वाले रावण का वध किया था । इसलिए इस त्योहार को दशहरा के नाम से जाना जाता है। दशहरा के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। दशहरा के दिन रामलीला का आयोजन करने वाले रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले फूंके जाते हैं। जो लोगो को यह संदेश देता है कि कैसे भगवान श्री राम ने रावण को मारकर बुराई पर अच्छाई की विजय को स्थापित किया। भारत में कई जगहों पर दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। जिसमें उतर भारत में इस त्योहार को अधिक महत्व दिया जाता है।
दशहरा पूजा विधि || Dussehra Puja Vidhi || Vijayadashami Puja Vidhi
1. हमारे हिन्दू धर्म में Dussehra Puja के दिन अपने अस्त्र शस्त्रों की पूजा करने का विशेष महत्व हैं।
2. Dussehra Puja के दिन सबसे पहले अपने सभी अस्त्र शस्त्रों को एक लाल कपड़ा बिछाकर रखकर उसके बाद इन्हे गंगाजल का छिड़काव करके इन्हें शुद्ध और पवित्र कर लें।
3. उसके बाद अपने सभी अस्त्र शस्त्रों को हल्दी, चंदन और कुमकुम आदि का तिलक करें।
4. तिलक करने के बाद अपने अस्त्र शस्त्रों पर फूल चढ़ाएं।
5. उसके बाद अपने अस्त्र शस्त्रों पर शमी के पत्ते अर्पित करें । और शस्त्रों पर शमी के पत्ते अर्पित करने शुभ माने जाते हैं।
6. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा अवश्य करें और भगवान श्री राम से अपने मंगल की कामना करें और अंत में अपने शस्त्रों को उनके ही स्थान पर रख दें।
दशहरा पूजा मंत्र || Dussehra Puja Mantra
नीचे बताये गये इस मंत्र का जाप करके पूजा करने का संकल्प लें।
मम क्षेमारोग्यादिसिद्ध्यर्थं यात्रायां विजयसिद्ध्यर्थं
गणपतिमातृकामार्गदेवतापराजिताशमीपूजनानि करिष्ये।
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