वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम्, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Ke Fayde, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Ke Labh, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Benefits, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Mp3 Download, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Lyrics, Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram Pdf.
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् || Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram
वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् के रचियता उमापति जी ने की हैं ! वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.
वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् || Veera Vimsati Kavyam Hanuman Stotram
(उमापति कविविरचितम्)
लांगूलमृष्टवियदम्बुधिमध्यमार्ग- मुत्प्लुत्य यान्तममरेन्द्रमुदो निदानम् ।
आस्फालितस्वकभुजस्फुटिताद्रिकाण्डं द्राङ्मैथिलीनयननन्दनमद्य वन्दे ॥ १ ॥
मध्येनिशाचरमहाभयदुर्विषह्यं घोराद्भुतव्रतमिदं यददश्चचार ।
पत्ये तदस्य बहुधापरिणामदूतं सीतापुरस्कृततनुं हनुमन्तमीडे ॥ २ ॥
यः पादपङ्कजयुगं रघुनाथपत्न्या नैराश्यरूषितविरक्तमपि स्वरागैः ।
प्रागेव रागि विदधे बहु वन्दमानो वन्देऽञ्जनाजनुषमेव विशेषतुष्ट्यै ॥ ३ ॥
ताञ्जानकीविरहवेदनहेतुभूतान् द्रागाकलय्य सदशोकवनीयवृक्षान् ।
लङ्कालकानिव घनानुदपाटयद्य-स्तं हेमसुन्दरकपिं प्रणमामि पुष्ट्यै ॥ ४ ॥
घोषप्रतिध्वनितशैलगुहासहस्र-संभ्रान्तनादितवलन्मृगनाथयूथम् ।
अक्षक्षयक्षणविलक्षितराक्षसेन्द्र-मिन्द्रं कपीन्द्रपृतनावलयस्य वन्दे ॥ ५ ॥
जीवन भर के उपाय के साथ बनवाये वैदिक जन्म कुण्डली केवल 500/- रूपये में
10 साल उपाय के साथ बनवाए लाल किताब कुण्डली केवल 500/- रूपये में
हेलाविलङ्घितमहार्णवमप्यमन्दं घूर्णद्गदाविहतिविक्षतराक्षसेषु ।
स्वम्मोदवारिधिमपारमिवेक्षमाणं वन्देऽहमक्षयकुमारकमारकेशम् ॥ ६ ॥
जम्भारिजित्प्रसभलम्बितपाशबन्धं ब्रह्मानुरोधमिव तत्क्षणमुद्वहन्तम् ।
रौद्रावतारमपि रावणदीर्घदृष्टि-सङ्कोचकारणमुदारहरिं भजामि ॥ ७ ॥
दर्पोन्नमन्निशिचरेश्वरमूर्धचञ्च-त्कोटीरचुम्बि निजबिम्बमुदीक्ष्य हृष्टम् ।
पश्यन्तमात्मभुजयन्त्रणपिष्यमाण-तत्कायशोणितनिपातमपेक्षि वक्षः ॥ ८ ॥
अक्षप्रभृत्यमरविक्रमवीरनाश-क्रोधादिव द्रुतमुदञ्चितचन्द्रहासाम् ।
निद्रापिताभ्रघनगर्जनघोरघोषैः संस्थम्भयन्तमभिनौमि दशास्यमूर्तिम् ॥ ९ ॥
आशंस्यमानविजयं रघुनाथधाम शंसन्तमात्मकृतभूरिपराक्रमेण ।
दौत्ये समागमसमन्वयमादिशन्तं वन्दे हरेः क्षितिभृतः पृतनाप्रधानम् ॥ १० ॥
जीवन भर के उपाय के साथ बनवाये वैदिक जन्म कुण्डली केवल 500/- रूपये में
10 साल उपाय के साथ बनवाए लाल किताब कुण्डली केवल 500/- रूपये में
यस्यौचितीं समुपदिष्टवतोऽधिपुच्छं दम्भान्धितां धियमपेक्ष्य विवर्धमानः ।
नक्तञ्चराधिपतिरोषहिरण्यरेता लङ्कां दिधक्षुरपतत्तमहं वृणोमि ॥ ११ ॥
क्रन्दन्निशाचरकुलां ज्वलनावलीढैः साक्षाद्गृहैरिव बहिः परिदेवमानाम् ।
स्तब्धस्वपुच्छतटलग्नकृपीटयोनि-दन्दह्यमाननगरीं परिगाहमानाम् ॥ १२ ॥
मूर्तैर्गृहासुभिरिव द्युपुरं व्रजद्भि-र्व्योम्नि क्षणं परिगतं पतगैर्ज्वलद्भिः ।
पीताम्बरं दधतुमुच्छ्रितदीप्ति पुच्छं सेनां वहद्विहगराजमिवाहमीडे ॥ १३ ॥
स्थम्भीभवत्स्वगुरुवालधिलग्नवह्नि-ज्वालोल्ललद्ध्वजपटामिव देवतुष्ट्यै ।
वन्दे यथोपरि पुरो दिवि दर्शयन्त-मद्यैव रामविजयाजिकवैजयन्तीम् ॥ १४ ॥
रक्षक्षयैकचितकक्षकपूश्चितौ यः सीताशुचो निजविलोकनतो मृतायाः ।
दाहं व्यधादिव तदन्त्यविधेयभूतं लाङ्गूलदत्तदहनेन मुदे स नोऽस्तु ॥ १५ ॥
आशुद्धये रघुपतिप्रणयैकसाक्ष्ये वैदेहराजदुहितुः सरिदीश्वराय ।
न्यासं ददानमिव पावकमापतन्त-मब्धौ प्रभञ्जनतनूजनुषं भजामि ॥ १६ ॥
जीवन भर के उपाय के साथ बनवाये वैदिक जन्म कुण्डली केवल 500/- रूपये में
10 साल उपाय के साथ बनवाए लाल किताब कुण्डली केवल 500/- रूपये में
रक्षस्स्वतृप्तिरुडशान्तिविशेषशोण-मक्षक्षयक्षणविधानुमितात्मदाक्ष्यम् ।
भास्वत्प्रभातरविभानुभरावभासं लङ्काभयङ्करममुं भगवन्तमीडे ॥ १७ ॥
तीर्त्वोदधिं जनकजार्पितमाप्य चूडा-रत्नं रिपोरपि पुरं परमस्य दग्ध्वा ।
श्रीरामहर्षगलदश्र्वभिषिच्यमानं तं ब्रह्मचारिवरवानरमाश्रयेऽहम् ॥ १८ ॥
यः प्राणवायुजनितो गिरिशस्य शान्तः शिष्योऽपि गौतमगुरुर्मुनिशंकरात्मा ।
हृद्यो हरस्य हरिवद्धरितां गतोऽपि धीधैर्यशास्त्रविभवेऽतुलमाश्रये तं ॥ १९ ॥
स्कन्धेऽधिवाह्य जगदुत्तरगीतिरीत्या यः पार्वतीश्वरमतोषयदाशुतोषम् ।
तस्मादवाप च वरानपरानवाप्यान् तं वानरं परमवैष्णवमीशमीडे ॥ २० ॥
उमापतेः कविपतेः स्तुतिर्बाल्यविजृम्भिता । हनूमतस्तुष्टयेऽस्तु वीरविंशतिकाभिधा ॥ २१ ॥
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>
यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here