श्री वैद्यनाथ अष्टकम || Sri Vaidyanatha Ashtakam || Sri Vaidyanatha Ashtak

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श्री वैद्यनाथ अष्टकम || Sri Vaidyanatha Ashtakam

श्री वैद्यनाथ अष्टकम भगवान श्री कृष्ण जी समर्पित हैं ! Sri Vaidyanatha Ashtakam का पाठ विशेष रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी या भगवान श्री कृष्ण जी से संबंधित अन्य कई त्योहारों पर किया जाता हैं ! श्री वैद्यनाथ अष्टकम का नियमित रूप से पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण जी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता हैं ! Sri Vaidyanatha Ashtakam आदि के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Sri Vaidyanatha Ashtakam By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

श्री वैद्यनाथ अष्टकम || Sri Vaidyanatha Ashtakam

कुन्दसुम बृन्दसममन्दहसितास्यं,

नन्दकुलनन्द भर तुन्दलनकन्दम् ।

पूतनिजगीतलवधूत दुरितं तम्, 

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ १ ॥

नीलतर जालधर भालहरि रम्यं,

लोलतर शीलयुत बालजनलीलम् ।

जालनति शीलमपि पालयितुकामं,

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ २ ॥

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कंसरणहिंसमिह संसरणजात-

क्लान्तिभरशान्तिकर कान्ति झरवीरम् ।

वातमुख धातुजनि पातभयघातं,

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ३ ॥

जातु धुरि पातुकमिहातुरजनं द्राक्

शोक भरमूकमपि तोकमिव पान्तम् ।

भृङ्गरुचिसंगरकृदङ्गलतिकं तं,

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ४ ॥

पापभवतापभरकोपशमनार्त्था-

श्वासकर भासमृदुहासरुचिरास्यम् ।

रोगचय भोगभय वेगहरमेकं, 

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ५ ॥

घोषकुल दोषहर वेषमुपयान्तं,

पूषशत भूषक विभूषण गणाढ्यम् ।

भुक्तिमपि मुक्तिमपि भक्तिषु ददानं

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ६ ॥

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पापक दुरापमतिचापहर शोभ-

स्वापघनमापतदुमापति समेतम् ।

दीनतर दीनसुखदानकृत दीक्षं,

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ७ ॥

पादपतदादरण मोदपरिपूर्णं,

जीवमुख देवजन सेवनफलाङ्घ्रिम् ।

रूक्ष भव मोक्षकृत दीक्ष जनवीक्षं,

वातपुरनाथमिममातनु हृदब्जे ॥ ८ ॥

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