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श्री नटवर जी की आरती || Shri Natwar Ji Ki Aarti || Natwar Ki Aarti

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श्री नटवर जी की आरती || Shri Natwar Ji Ki Aarti || Natwar Ki Aarti

भगवान श्री नटवर भगवान श्री कृष्ण जी को कहा गया हैं ! श्री नटवर जी की आरती को नितमित रूप से करने से जातक के ऊपर भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा बनी रहती हैं ! Shri Natwar Ji Ki Aarti आदि के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Shri Natwar Ji Ki Aarti By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi. 

श्री नटवर जी की आरती || Shri Natwar Ji Ki Aarti || Natwar Ki Aarti

जय-जय गिरिधारी प्रभु, जय-जय गिरिधारी।

दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हितकारी॥ जय 

जय गोविन्द दयानिधि, गोवर्धन-धारी।

वंशीधर बनवारी, ब्रज-जन प्रियकारी॥ जय 

गणिका-गीध- अजामिल-गजपति-भयहारी।

आरत-आरति-हारी, जय मंगल-कारी॥ जय 

गोपालक, गीतेश्वर, द्रौपदी-दु:खहारी।

शबर-सुता-सुखकारी, गौतम-तिय तारी॥ जय 

जन-प्रहलाद-प्रमोदक, नरहरि-तनुधारी।

जन-मन-र†जनकारी, दिति-सुत-संहारी॥ जय 

टिट्टिभ-सुत संरक्षक, रक्षक मंझारी।

पाण्डु-सुवन-शुभकारी, कौरव-मद-हारी॥ जय

मन्मथ-मन्मथ मोहन, मुरली-रव-कारी।

वृन्दाविपिन-बिहारी, यमुना-तट-चारी॥ जय 

अघ-बक-बकी उधारक, तृणावर्त-तारी।

विधि-सुरपति मदहारी, कंस-मुक्तिकारी॥ जय 

शेष, महेश, सरस्वती गुण गावत हारी।

कल कीरति विस्तारी भक्त-भीति-हारी॥ जय 

नारायण शरणागत, अति अघ अघहारी।

पद-रज पावनकारी चाहत चितहारी॥ जय 

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