रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे WhatsApp Group पर जुड़ें Join Now

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे Telegram Group पर जुड़ें Join Now

कार्तिक मास पूजा विधि || Kartik Maas Puja Vidhi || Kartik Maas Vrat Puja Vidhi

कार्तिक मास पूजा विधि, Kartik Maas Puja Vidhi, Kaise Kare Kartik Maas Puja, Kartik Maas Puja Udyapan Vidhi, Kartik Maas Puja Time, Tri Kartik Maas Puja Vidhi, Kartik Maas Puja Ke Labh, Kartik Maas Puja Ke Fayde, Kartik Maas Puja Ka Mahatva.

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope  ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

कार्तिक मास पूजा विधि || Kartik Maas Puja Vidhi || Kartik Maas Vrat Puja Vidhi

कार्तिक मास को धार्मिक कार्यों के लिए सभी माह में सर्वश्रेष्ठ माना गया है । आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष तक पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करना श्रेष्ठ माना गया है । जो भी लोग नदियों में स्नान नहीं कर पाते हैं, वह सुबह अपने घर में सूर्य उदय से पहले जगकर स्नान व पूजा पाठ करते हैं । Kartik Maas Puja व व्रत करने से तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है ! इस माह में अधिक से अधिक जप करना चाहिए ! कार्तिक मास में भोजन दिन में एक समय ही करना चाहिए । जो भी व्यक्ति कार्तिक के पवित्र माह के सभी नियमों का पालन करते हैं, वह वर्ष भर के सभी पापों से मुक्ति हो जाते हैं ! Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे कार्तिक मास पूजा विधि || Kartik Maas Puja Vidhi || Kartik Maas Vrat Puja Vidhi को पढ़कर आप भी बहुत आसान तरीक़े से कार्तिक मास व्रत की पूजा कर सकोगें !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Kartik Maas Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

Kartik Maas Puja Vidhi || Kartik Maas Vrat Puja Vidhi

कार्तिक मास पूजा विधि || Kartik Maas Puja Vidhi || Kartik Maas Vrat Puja Vidhi

कार्तिक मास में व्यक्ति को सुबह जल्दी जगकर स्नान करने के पश्चात राधा-कृष्ण, तुलसी, पीपल व्  आंवले का पुजन करना चाहिए । ऐसा करने से सभी देवताओं की परिक्रमा करने के समान महत्व माना गया है। सांयकाल में भगवान श्री विष्णु जी की पूजा तथा तुलसी की पूजा करनी चाहिए ! संध्या समय में दीपदान भी करना चाहिए । कार्तिक मास में राधा-कृष्ण, श्री विष्णु भगवान तथा तुलसी पूजा करने का अत्यंत महत्व है । जो मनुष्य इस माह में इनकी पूजा करता है, उसे सभी पुण्य फलों की प्राप्ति होती है ।

कहा जाता है की कार्तिक मास में व्रत व् पूजा करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता है ( Kartik Maas Vrat Puja Ke Labh )! कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए । कार्तिक माह की षष्ठी तिथि को कार्तिकेय व्रत का अनुष्ठान किया जाता है स्वामी कार्तिकेय इसके देवता माने जाते है ! 

कार्तिक मास पूजा के लाभ || Kartik Maas Puja Ke Labh

पद्म पुराण के अनुसार कार्तिक की एकादशी तथा पूर्णिमा तिथि का व्रत करने से व्यक्ति को पुण्य व लाभ मिलता है ( Kartik Maas Puja Ke Labh ) और सभी मनोकामना की पूर्ण होती है । यही कारण था कि सत्यभामा को श्री कृष्ण पति रूप में प्राप्त हुए क्योंकि उन्होंने पूर्व जन्म में कार्तिक की एकादशी तथा पूर्णिमा को व्रत रखा था ऐसा एक आख्यान में कहा गया है ।

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope  ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

कार्तिक मास पूजा का महत्व || Kartik Maas Puja Ka Mahatva

स्कंद पुराण में कार्तिक महीने की महिमा बताते हुए कहा गया है की कार्तिक मास का महत्व और मास से ख़ास है इस महीने में व्रत व् पूजा करना और महीने की तुलना में कल्याणकारी, श्रेष्ठ व् उत्तम बताया है ( Kartik Maas Puja Ka Mahatva )! यह बात स्वयं नारायण ने ब्रह्मा से, ब्रह्मा ने नारद से तथा नारद ने महाराज पृथु से कही हैं !

शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति संकल्प लेकर पूरे कार्तिक मास में किसी जलाशय में जाकर सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ़ कपडे धारण करने के बाद जलाशय के निकट दीपदान करते हैं, उन्हें विष्णु लोक की प्राप्ति होती हैं ! मान लीजिये की किसी कारणवश से कार्तिक स्नान का व्रत बीच में ही टूट जाता है, अथवा प्रातः उठकर प्रतिदिन स्नान करना संभव नहीं हो तो ऐसी स्थिति में कार्तिक स्नान का पूर्ण फल दिलाने वाला त्रिकार्तिक व्रत है ।

त्रिकार्तिक मास पूजा विधि || Tri Kartik Maas Puja Vidhi

त्रिकार्तिक व्रत कार्तिक पूर्णिमा से तीन दिन पहले शुरू होता है । त्रिकार्तिक व्रत रखने वाले को कार्तिक शुक्ल त्रियोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथि के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए । भगवान श्री विष्णु जी को प्रसन्नता के लिए  व्यक्ति को त्रियोदशी तिथि से पूर्णिमा तक जितना संभव हो सके गीता, विष्णुसहस्रनाम एवं गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करना चाहिए । अगर ये भी नही कर सकते भगवान नाम का जप करना चाहिए । 

30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

त्रिकार्तिक व्रत के विषय में शास्त्र कहता है कि त्रयोदशी के दिन व्रत का पालन करने से समस्त वेद प्राणी को पवित्र करते हैं । चतुर्दशी के व्रत से यज्ञ और देवता प्राणी को पावन बनाते हैं और पूर्णिमा के व्रत से भगवान श्री विष्णु जी द्वारा पवित्र जल प्राणी को शु्द्ध करते हैं । इस प्रकार अंदर और बाहर से शुद्ध हुआ प्राणी भगवान विष्णु के लोक में शरण पाने योग्य बन जाता है । जो भी व्यक्ति कार्तिक मास के पवित्र माह के नियमों का पालन करते हैं, वह वर्ष भर के सभी पापों से मुक्ति पाते हैं । इस माह में तुलसी में दीपक जलना चाहिए ।

कार्तिक मास पूजा उद्यापन विधि || Kartik Maas Puja Udyapan Vidhi

कार्तिक मास में की पूजा व् व्रत करने से तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति व् पुण्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को लगातार 12 वर्ष तक कार्तिक मास में प्रात: स्नान व् व्रत पूजा करने के साथ दान आदि करने के बाद 13वें वर्ष में पुरे विधि विधान से उद्यापन कर सकते हैं ! Kartik Maas Puja उद्यापन की विधि कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि से शुरू करते हैं ! सबसे पहले तुलसी के पोधे के मंडप को सुन्दर तरीके से सजा लें ! जिसमें चार दरवाजे होने चाहिए ! मंडप पर कलश की स्थापना करके कलश पर श्रीफल रखे । कलश के पास में श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की फ़ोटो रखकर पूजन करें ! पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री हरी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को शयन से उठे और त्रयोदशी तिथि वाले दिन सभी देवताओं ने उनके दर्शन किये ! और चतुर्दशी तिथि वाले दिन सभी देवतागन ने श्री हरी का पूजन किया ! इसलिए उद्यापन करते समय चतुर्दशी तिथि को ही श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा करनी चाहिए । व्यक्ति को चतुर्दशी तिथि की रात्रि में भजन – कीर्तन के साथ जागरण करना चाहिए । क्युकी रात्रि जागरण का अति महत्व माना जाता हैं । यह व्रत कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने भी किया था ।

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope  ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

<<< पिछला पेज पढ़ें                                                                                                                      अगला पेज पढ़ें >>>


यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे WhatsApp Group पर जुड़ें Join Now

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे Telegram Group पर जुड़ें Join Now