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Shri Hanuman Sadhana Vidhi इस हनुमान साधना को करने से आपके जीवन के दूर होंगे सारे संकट

Shri Hanuman Sadhana Vidhi इस हनुमान साधना को करने से आपके जीवन के दूर होंगे सारे संकट : यह तो आप सब पहले से जानते होगे जी कलयुग में बहुत जल्द खुश होने वाले भगवान श्री हनुमान जी है ! श्री हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत सरल व आसन है। श्री हनुमान जी का राह मात्र चलते उनका नाम स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट व बाधाये दूर हो जाते हैं। इसलिए यंहा हम आपको श्री हनुमान साधना विधिपूर्वक बताने जा रहे हैं, जिससे आप श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सके साथ ही Shri Hanuman Sadhana Vidhi के कुछ उपयोगी नियम बताने जा रहे हैं।

जिसे अपनाने से वर्तमान युग में श्री हनुमान साधना तुरंत फल देती है। इसी कारण ये जन-जन के देव माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इनके मंदिर जगह-जगह स्थित हैं अतः भक्तों को पहुंचने में कठिनाई भी नहीं आती है। मानव जीवन का सबसे बड़ा दुख भय” है और जो साधक श्री हनुमान जी का नाम स्मरण कर लेता है वह भय से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।

Shri Hanuman Sadhana Vidhi इस हनुमान साधना को करने से आपके जीवन के दूर होंगे सारे संकट

श्री हनुमान साधना कब करें

श्री हनुमान साधना आप किसी भी शुभ मुहूर्त या शुक्ल पक्ष के मंगलवार या श्री हनुमान जयंती के दिनों में कर सकते हैं। श्री हनुमान साधना प्रातः 4 बजे से 7 बजे के मध्य या सायं 6 बजे से रात्रि 10  बजे के मध्य संपन्न कर लेनी चाहिए।

श्री हनुमान साधना सामग्री

श्री हनुमान मूर्ति या प्रतिमा, सिद्ध हनुमान यंत्र, मूँगे की माला, धूपबत्ती, दीपक, पुष्य।

श्री हनुमान साधना पूजा विधि

सबसे पहले साधक स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ वस्त्र धारण (हो सके तो लाल वस्त्र) करके अपने घर के पूजा स्थल मे उस स्थान की साफ सफाई करके गोमूत्र और गंगाजल मिलाकर पूरे पूजा स्थल के कमरे में छिड़ककर उसको पवित्र कर ले। उसके बाद उत्तरमुखी या पूर्वमुखी लाल आसान पर बैठकर अपने सामने एक चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाए और भगवान श्री हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा और उनका सिद्ध यंत्र स्थापित करें। फिर उसके बाद पंचोपचार विधि से पूजन करें। और धुप, दीप, चावल, पुष्प से भगवान श्री हनुमान जी अर्पित करके Shri Hanuman Sadhana के लिए संकल्प ले।

श्री हनुमान साधना सकंल्प विधि

पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें । संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।

जैसे आप 19/11/2017 को श्री हनुमान जी का पूजन किया जाना है। तो इस प्रकार संकल्प लें। मैं (अपना स्वयं का नाम बोलें ) विक्रम संवत् 2074 को, मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को, अनुराधा नक्षत्र में, भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर में अपने स्वयं के घर (जंहा आप पूजन कर रहे हो उस स्थान का नाम लें) में Shri Hanuman Sadhana कर रहा हूं।

श्री हनुमान साधना ध्यान मंत्र

इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर श्री हनुमान जी का ध्यान करके पूजन करें।

अतुलितबलधामं स्वर्ण शैलाभ देहम दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।

ऊपर दिया गया पूजन सम्पन्न करके “मूंगे की माला” से नीचे दिए गये मंत्र की 23 माला 11 दिनों तक जप करें। और मंत्र उच्चारण करने के बाद श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।

श्री हनुमान साधना सिद्धि मन्त्र

|| ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् ||

अथवा

|| ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||

अथवा

|| ॐ हुं हुं ह्सौः हनुमते हुं ||

दी गई यह Shri Hanuman Sadhana ग्यारह दिनों की साधना है। Shri Hanuman Sadhana करते समय साधक पूर्ण आस्था के साथ नियमों का पालन जरुर करें। और नित्य जाप करने से पहले ऊपर दी गई संक्षिप्त पूजन विधि जरुर करें। साधक Shri Hanuman Sadhana करने की जानकारी गुप्त रखें। ग्यारह दिनों के बाद मन्त्रों का जाप करने के बाद दिए गये मन्त्र जिसका आपने जाप किया हैं उस मन्त्र का दशांश (10% भाग) हवन अवश्य करें। हवन में शुद्ध घी व हवन सामग्री को मिलाकर आहुति दें। ऐसा करने से साधक की Shri Hanuman Sadhana पूर्ण हो जाती हैं। और साधक के ऊपर श्री हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रही हैं।

हनुमान साधना के नियम

  • Shri Hanuman Sadhana करते समय शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है।
  • श्री हनुमान जी पूजन में प्रसाद शुद्ध घी का बना होना चाहिए।
  • श्री हनुमान जी को तिल के तेल में मिल हुए सिंदूर का चोला चढ़ाना चाहिए।
  • श्री हनुमान जी को तिलक केसर के साथ लाल चंदन मिलाकर लगाना चाहिए।
  • श्री हनुमान जी पूजन में पुष्पों में लाल, पीले बड़े फूल अर्पित करने चाहिए।
  • इसके अलवा कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने पर भी श्री हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
  • श्री हनुमान जी को नैवेद्य में प्रातः पूजन में गुड़, नारियल का गोला और लड्डू, दोपहर में गुड़, घी और गेहूं की रोटी का चूरमा अथवा मोटा रोट अर्पित करना चाहिए।
  • रात्रि में आम, अमरूद, केला आदि फलों का प्रसाद अर्पित करें।
  • Shri Hanuman Sadhana काल में ब्रह्मचर्य का पालन अति अनिवार्य है।
  • श्री हनुमान जी को जो नैवेद्य हनुमान जी को अर्पित किया जाता है उसे साधक को ग्रहण करना चाहिए।
  • श्री हनुमान जी के मंत्र जप बोलकर किए जा सकते हैं।
  • श्री हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष उनके नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्रों के जप करना चाहिए।
  • श्री हनुमान जी की साधना में दो प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है।
  • सात्विक कार्य से संबंधित साधना में रुद्राक्ष माला तथा तामसी एवं पराक्रमी कार्यों के लिए मूंगे की माला।
  • श्री हनुमान जी की साधना पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवा भाव से की जानी चाहिए।
  • मंगलवार श्री हनुमान जी का दिन है। इस दिन अनुष्ठान संपन्न करना चाहिए। इसके अतिरिक्त शनिवार को भी हनुमान पूजा का विधान है।
  • Shri Hanuman Sadhana से ग्रहों का अशुभत्व पूर्ण रूप से शांत हो जाता है।
  • हनुमान जी और सूर्यदेव एक दूसरे के स्वरूप हैं, इनकी परस्पर मैत्री अति प्रबल मानी गई है। इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि विशेष रूप से आ जाते हैं। यह तेज ही साधकों को सामान्य व्यक्तियों से अलग करता है।
  • Shri Hanuman Sadhana में जो ध्यान किया जाता है उसका विशेष महत्व है। श्री हनुमान जी के जिस विग्रह स्वरूप का ध्यान करें वैसी ही मूर्ति अपने मानस में स्थिर करें और इस तरह का अभ्यास करें कि नेत्र बंद कर लेने पर भी वही स्वरूप नजर आता रहे।

संदर्भ: इस Shri Hanuman Sadhana Vidhi इस हनुमान साधना को करने से आपके जीवन के दूर होंगे सारे संकट पोस्ट की सहायता से आप भी ऊपर बताई गई विधि से श्री हनुमान साधना को करके आसानी से सिद्ध कर सकते हैं।

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