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गीता जयंती पूजा विधि || Gita Jayanti Puja Vidhi || Geeta Jayanti Puja Vidhi
गीता जयंती मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती हैं ! यानी आती हैं ! इसी दिन मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं ! मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के नाम से मनाया जाता हैं । गीता जयंती वाले दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने कुरुक्षेत्र में रणभूमि में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था ! इस कथा को पढ़ने या सुनने से वायपेय यज्ञ का फल मिलता है । यह व्रत मोक्ष देने वाला तथा चिंतामणि के समान सब कामनाएँ पूर्ण करने वाला है । इसलिए गीता जयन्ती के दिन गीता की पूजा करने से लाभ मिलता है ! इसलिए हम आपको Gita Jayanti Puja Vidhi के बारे में बताने जा रहे हैं ! Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे गीता जयंती पूजा विधि || Gita Jayanti Puja Vidhi को पढ़कर आप भी बहुत आसन तरीके गीता जयंती के दिन गीता की पूजा विधि कर सकोंगे !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Gita Jayanti Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.
गीता जयंती पूजा विधि || Gita Jayanti Puja Vidhi
- सबसे पहले आप भगवान श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना करें !
- शास्त्रों के अनुसार गीता जयंती पर भगवत गीता की पूजा करके आरती करनी चाहिए, इसके पश्चात ही गीता के सारे पाठ करना चाहिए । इससे महापुण्य की प्राप्त होती है ।
- गीता जयंती वाले दिन जो भी व्यक्ति गीता के सारे पाठ नही कर सकता हो तो उसे गीता का अठारवां अध्याय का पाठ करने से ही उसे संपूर्ण गीता पाठ का लाभ मिल जाता है ।
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- शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत रखकर भगवान श्री विष्णु की पूजा करके भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है उसके कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं । गीता के ग्यारहवें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को अपना विराट रूप के दर्शन करवा कर उसका वर्णन किया था !
- जो भी व्यक्ति गीता जयंती से रोजाना नियमित रूप से गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है, उसे भगवान श्री विष्णु जी के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है ।
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