गणेश अष्टकम || Ganesha Ashtakam || Ganesha Ashtak

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श्री गणेश अष्टकम || Ganesha Ashtakam

श्री गणेश अष्टकम  भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं ! यह अष्टकम श्री विष्णु जी रचियत हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Ganesha Ashtakam By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi. 

श्री गणेश अष्टकम || Ganesha Ashtakam

श्रीविष्णुरुवाच ।

गणेशमेकदन्तञ्च हेरम्बं विघ्ननायकम् ।

लम्बोदरं शूर्पकर्णं गजवक्त्रं गुहाग्रजम् ॥

नामाष्टकार्थं पुत्रस्य शृणु मतो हरप्रिये ।

स्तोत्राणां सारभूतञ्च सर्वविघ्नहरं परम् ॥

ज्ञानार्थवाचको गश्च णश्च निर्वाणवाचकः ।

तयोरीशं परं ब्रह्म गणेशं प्रणमाम्यहम् ॥ १॥

एकः शब्दः प्रधानार्थो दन्तश्च बलवाचकः ।

बलं प्रधानं सर्वस्मादेकदन्तं नमाम्यहम् ॥ २॥

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दीनार्थवाचको हेश्च रम्बः पालकवाचकः ।

पालकं दीनलोकानां हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ॥ ३॥

परिपालकं तं दीनानां विपत्तिवाचको विघ्नो नायकः खण्डनार्थकः ।

विपत्खण्डनकारन्तं प्रणमे विघ्ननायकम् ॥ ४॥

नमामि विष्णुदत्तैश्च नैवेद्यैर्यस्य लम्बं पुरोदरम् ।

लम्बोदरं पुरा पित्रा दत्तैश्च विविधैर्वन्दे लम्बोदरञ्च तम् ॥ ५॥

शूर्पाकारौ च यत्कर्णौ विघ्नवारणकारकौ ।

विघ्नवारणकारणौ सम्पदौ ज्ञानरूपौ च शूर्पकर्णं नमाम्यहम् ॥ ६॥

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सम्पदास्फालरूपौ विष्णुप्रसादपुष्पञ्च यन्मूर्ध्नि मुनिदत्तकम् ।

तद्गजेन्द्रमुखं कान्तं गजवक्त्रं नमाम्यहम् ॥ ७॥

तद्गजेन्द्रवक्त्रयुक्तं गुहस्याग्रे च जातोऽयमाविर्भूतो हरालये ।

हरगृहे वन्दे गुहाग्रजं देवं सर्वदेवाग्रपूजितम् ॥ ८॥

एतन्नामाष्टकं दुर्गे नानाशक्तियुतं परम् ।

पुत्रस्य पश्य वेदे च तदा कोपं वृथा कुरु ॥

एतन्नामाष्टकं स्तोत्रं नामार्थसंयुतं शुभम् ।

त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नित्यं स सुखी सर्वतो जयी ॥

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ततो विघ्नाः पलायन्ते वैनतेयाद्यथोरगाः ।

गणेश्वरप्रसादेन महाज्ञानी भवेद्ध्रुवम् ॥

पुत्रार्थीं लभते पुत्रं भार्यार्थीं विपुलां स्त्रियाम् ।

महाजडः कवीन्द्रश्च विद्यावांश्च भवेद्ध्रुवम् ॥

इति ब्रह्मवैवर्ते विष्णुपदिष्टं गणेशनामाष्टकं स्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

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