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गणेश विसर्जन पूजा विधि || Ganesh Visarjan Puja Vidhi || Ganpati Visarjan Puja Vidhi

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गणेश विसर्जन पूजा विधि || Ganesh Visarjan Puja Vidhi || Ganpati Visarjan Puja Vidhi

गणपति विसर्जन हिन्दू पंचांग के अनुसार तिथि को किया जाता है। भगवान श्रीगणेश को सभी देवी देवताओं में अग्र पूज्य माना गया है। भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना गया है। हर मंगल कार्य में उन्हें सबसे पहले मनाया जाता है। भगवान गणपति जल तत्व के अधिपति हैं। यही कारण है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की पूजा-अर्चना कर गणपति-प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस पोस्ट की सहायता से Ganesh Visarjan Puja कैसे किया जाता हैं और इसके करने के क्या नियम, सामग्री, मंत्र, मुहूर्त आदि के बारे में जानकारी देंगे ! Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे गणेश विसर्जन पूजा विधि || Ganesh Visarjan Puja Vidhi || Ganpati Visarjan Puja Vidhi को पढ़कर आप भी बहुत आसन तरीके से गणपति विसर्जन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकोगें !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Ganesh Visarjan Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

गणेश विसर्जन पूजा विधि || Ganesh Visarjan Puja Vidhi

गणेश विसर्जन पूजा विधि || Ganesh Visarjan Puja Vidhi || Ganpati Visarjan Puja Vidhi

गणेश विसर्जन पूजा कब हैं ? || Ganesh Visarjan 2022 Date ?

गणेश विसर्जन पूजा भाद्रपद मास (भादों) की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन की जाती हैं। इस साल 2022 यह 09 सितम्बर, वार शुक्रवार के दिन गणेश विसर्जन किया जायेगा।

गणेश विसर्जन पूजा मुहूर्त || Ganesh Visarjan Puja Shubh Muhurat

सुबह 06:10 बजे से सुबह 10:50 बजे तक,

दोपहर 12:24 बजे से दोपहर 01:58 बजे तक, 

संध्या 05:05 बजे से संध्या 06:38 बजे तक |

गणपति विसर्जन पूजा विधि || Ganpati Visarjan Puja Vidhi

  • Ganesh Visarjan Puja वाले दिन साधक को सूर्योदय से पहले प्रात:काल जल्दी उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान आदि करने साफ कपड़े धारण करने चाहिए। 
  • उसके बाद अपने घर के पूजा स्थल पर जाए जंहा आपके श्री गणेश की स्थापना की हो।
  • उसके बाद पंचामृत से भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति का अभिषेक करके जल चढ़ाकर नये वस्त्र पहनाये।
  • उसके बाद फिर केसर, रोली से भगवान श्री गणेश जी को तिलक करें।
  • भगवान श्री गणेश जी को पंचमेवा, जीरा, सुपारी, चूड़ा, गुड़, गन्ना, मोदक, केला, नारियल, पान, सुपारी और दक्षिणा अदि अर्पित करें।
  • पूजा अर्चना करने के बाद इनकी आरती करके गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें फिर क्षमा प्रार्थना करें। अपने घर में सदा सुख शांति बनाए रखने की प्रार्थना करें।
  • यदि संभव हो तो हवन करना चाहें तो हवन सामग्री में जीरा और काली मिर्च डालकर हवन में आहुति दें। तंत्र शास्त्र के अनुसार ऐसे हवं करने से धनदायक होता है।
  • उसके बाद श्री गणेश जी से श्रद्धा पूर्वक अपने स्थान से विदा होने की प्रार्थना करके अगले साथ जल्दी आने हो कहे।
  • गणेश जी की मूर्ति को पहले हाथ जोड़ कर प्रणाम करके फिर चरण स्पर्श करें फिर आज्ञा लेकर श्रद्धापूर्वक मूर्ति उठाएं।
  • यदि संभव हो सके तो गणपति मूर्ति को घर के आंगन में ही जल की व्यवस्था करके विसर्जित कर दें। यदि गणपति मूर्ति बड़ी हो तभी बाहर नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करें।
  • जब गणपति मूर्ति को विसर्जित करें जब Ganesh Visarjan Puja Mantra का जाप करते हुए विसर्जित करें।

गणेश विसर्जन पूजा मुहूर्त || Ganesh Visarjan Puja Muhurat

मूषिकवाहन मोदकहस्त, चामरकर्ण विलम्बितसूत्र ।

वामनरूप महेस्वरपुत्र, विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥

हे भगवान विनायक। आप सभी बाधाओं का हरण करने वाले हैं। आप भगवान शिव जी के पुत्र है, और आप अपने वाहन के रूप में मुस्‍कराज को लिये है। आप अपने हाथ में लड्डु लिये, और विशाल कान, और लम्‍बी सूण्‍ड लिये है। मैं पूरी श्रद्धा के सा‍थ आप को नमस्‍कार करता हूँ।

  • विसर्जन करते समय गणपति का मुख आपके सामने की ओर होना चाहिए। ना की आगे मुख करके विसर्जन न करें।
  • गणपति विसर्जन करते समय बप्पा के जयकारे लगाएं और बोलें गणपति मोरया अगले बरस तू जल्दी आ।

गणेश विसर्जन पूजा में क्या करे और क्या ना करें || Ganesh Visarjan Puja Me Kya Kare Or Kya Na Kare

  • Ganesh Visarjan Puja में श्री गणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
  • भूल कर भी तुलसी दल श्री गणेश को ना चढ़ाएं।
  • जनेऊ ना पहनने वाले जातक केवल पुराण मंत्रों से Ganesh Visarjan Puja करें।
  • बताये अनुसार Ganesh Visarjan Puja Muhurat में श्री गणेश पूजा के लिए श्रेष्ठ है, किंतु सुबह, दोपहर और शाम तीनों ही समय श्री गणेश पूजा करना लाभदायक रहता हैं।
  • यज्ञोपवीत यानी जनेऊ पहनने वाले जातक वेद और पुराण दोनों मंत्रों से Ganesh Visarjan Puja कर सकते हैं।
  • तुलसी दल को छोड़कर सभी तरह के पुष्प Ganesh Visarjan Puja को अर्पित किए जा सकते हैं।
  • तीनों समय Ganesh Visarjan Puja कर पाना संभव ना हो तो सुबह ही पूरे विधि-विधान से श्री गणेश की पूजा कर लें, वहीं दोपहर और शाम को मात्र पुष्प अर्पित करके पूजा की सकती है।

क्यों अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन पूजा की जाती हैं ? || Kyu Anant Chaturdashi Ke Din Ganesh Visarjan Puja Ki Jati Hain

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश चतुर्थी से लगातार दस दिनों तक महाभारत कथा भगवान श्रीगणेश को सुनाई थी। इसे भगवान श्रीगणेश ने अक्षरश: लिखा था। जब वेदव्‍यास जी कथा सुना रहे थे तब उन्‍होंने अपनी आखें बंद कर रखी थी। उन्‍हें पता ही नहीं चला कि कथा का ग‍णेशजी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

जब महर्षि ने कथा पूरी कर आंखें खोली तो देखा कि लगातार 10 दिन से कथा सुनते-सुनते गणेश जी का तापमान बहुत अधिक बढ़ गया है। उन्‍हें ज्‍वर हो गया है। महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश जी को निकट के कुंड में ले जाकर डुबकी लगवाई, जिससे उनके शरीर का तापमान कम हुआ।

माना जाता है भगवान गण‍पति गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक सगुण साकार रूप में इसी मूर्ति में स्‍थापित रहते हैं, जिसे गणपति उत्सव के दौरान स्थापित किया जाता है।

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