देवी वैभव आश्चर्य अष्टोत्तर शतदिव्यनाम स्तोत्र | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Ke Fayde | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Ke Labh | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Benefits | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Pdf | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Mp3 Download | Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram Lyrics | देवी वैभव आश्चर्य अष्टोत्तर शतदिव्यनाम स्तोत्रम् || Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram || Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divya Namavali Stotram : देवी वैभव आश्चर्य अष्टोत्तर शतदिव्यनाम स्तोत्रम् में 108 नामों का वर्णित हैं ! देवी वैभव आश्चर्य अष्टोत्तर शतदिव्यनाम स्तोत्रम के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.
देवी वैभव आश्चर्य अष्टोत्तर शतदिव्यनाम स्तोत्रम् || Devi Vaibhava Ascharya Ashtottara Shata Divyanama Stotram
॥ ध्यानम् ॥
क्वणत्काञ्चीदामा करिकलभकुम्भस्तननता
परिक्षीणा मध्ये परिणतशरच्चन्द्रवदना ।
धनुर्बाणान् पाशं सृणिमपि दधाना करतलैः
पुरस्तादास्तां नः पुरमथितुराहोपुरुषिका ॥ १॥
सुधासिन्धोर्मध्ये सुरविटपिवाटीपरिवृते
मणिद्वीपे नीपोपवनवति चिन्तामणिगृहे ।
शिवाकारे मञ्चे परमशिवपर्यङ्कनिलयां
भजन्ति त्वां धन्याः कतिचन चिदानन्दलहरीम् ॥ २॥
॥ पञ्चपूजा ॥
लं पृथिव्यात्मिकायै गन्धं समर्पयामि ।
हं आकाशात्मिकायै पुष्पैः पूजयामि ।
यं वाय्वात्मिकायै धूपमाघ्रापयामि ।
रं अग्न्यात्मिकायै दीपं दर्शयामि ।
वं अमृतात्मिकायै अमृतं महानैवेद्यं निवेदयामि ।
सं सर्वात्मिकायै सर्वोपचारान् समर्पयामि ॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमानन्दलहरी परचैतन्यदीपिका ।
स्वयंप्रकाशकिरणा नित्यवैभवशालिनी ॥ १॥
विशुद्धकेवलाखण्डसत्यकालात्मरूपिणी ।
आदिमध्यान्तरहिता महामायाविलासिनी ॥ २॥
गुणत्रयपरिच्छेत्री सर्वतत्त्वप्रकाशिनी ।
स्त्रीपुंसभावरसिका जगत्सर्गादिलंपटा ॥ ३॥
अशेषनामरूपादिभेदच्छेदरविप्रभा ।
अनादिवासनारूपा वासनोद्यत्प्रपञ्चिका ॥ ४॥
प्रपञ्चोपशमप्रौढा चराचरजगन्मयी ।
समस्तजगदाधारा सर्वसञ्जीवनोत्सुका ॥ ५॥
भक्तचेतोमयानन्तस्वार्थवैभवविभ्रमा ।
सर्वाकर्षणवश्यादिसर्वकर्मदुरन्धरा ॥ ६॥
विज्ञानपरमानन्दविद्या सन्तानसिद्धिदा ।
आयुरारोग्यसौभाग्यबलश्रीकीर्तिभाग्यदा ॥ ७॥
धनधान्यमणीवस्त्रभूषालेपनमाल्यदा ।
गृहग्राममहाराज्यसांराज्यसुखदायिनी ॥ ८॥
सप्ताङ्गशक्तिसम्पूर्णसार्वभौमफलप्रदा ।
ब्रह्मविष्णुशिवेन्द्रादिपदविश्राणनक्षमा ॥ ९॥
भुक्तिमुक्तिमहाभक्तिविरक्त्यद्वैतदायिनी ।
निग्रहानुग्रहाध्यक्षा ज्ञाननिर्द्वैतदायिनी ॥ १०॥
परकायप्रवेशादियोगसिद्धिप्रदायिनी ।
शिष्टसञ्जीवनप्रौढा दुष्टसंहारसिद्धिदा ॥ ११॥
लीलाविनिर्मितानेककोटिब्रह्माण्डमण्डला ।
एकानेकात्मिका नानारूपिण्यर्धाङ्गनेश्वरी ॥ १२॥
शिवशक्तिमयी नित्यशृङ्गारैकरसप्रिया ।
तुष्टा पुष्टापरिच्छिन्ना नित्ययौवनमोहिनी ॥ १३॥
समस्तदेवतारूपा सर्वदेवाधिदेवता ।
देवर्षिपितृसिद्धादियोगिनीभैरवात्मिका ॥ १४॥
निधिसिद्धिमणीमुद्रा शस्त्रास्त्रायुधभासुरा ।
छत्रचामरवादित्रपताकाव्यजनाञ्चिता ॥ १५॥
हस्त्याश्वरथपादातामात्यसेनासुसेविता ।
पुरोहितकुलाचार्यगुरुशिष्यादिसेविता ॥ १६॥
सुधासमुद्रमध्योद्यत्सुरद्रुमनिवासिनी ।
मणिद्वीपान्तरप्रोद्यत्कदंबवनवासिनी ॥ १७॥
चिन्तामणिगृहान्तस्था मणिमण्डपमध्यगा ।
रत्नसिंहासनप्रोद्यच्छिवमञ्चाधिशायिनी ॥ १८॥
सदाशिवमहालिङ्गमूलसंघट्टयोनिका ।
अन्योन्यालिङ्गसंघर्षकण्डूसंक्षुब्धमानसा ॥ १९॥
कलोद्यद्बिन्दुकालिन्यातुर्यनादपरंपरा ।
नादान्तानन्दसन्दोहस्वयंव्यक्तवचोऽमृता ॥ २०॥
कामराजमहातन्त्ररहस्याचारदक्षिणा ।
मकारपञ्चकोद्भूतप्रौढान्तोल्लाससुन्दरी ॥ २१॥
श्रीचक्रराजनिलया श्रीविद्यामन्त्रविग्रहा ।
अखण्डसच्चिदानन्दशिवशक्त्यैकरूपिणी ॥ २२॥
त्रिपुरा त्रिपुरेशानी महात्रिपुरसुन्दरी ।
त्रिपुरावासरसिका त्रिपुराश्रीस्वरूपिणी ॥ २३॥
महापद्मवनान्तस्था श्रीमत्त्रिपुरमालिनी ।
महात्रिपुरसिद्धाम्बा श्रीमहात्रिपुराम्बिका ॥ २४॥
नवचक्रक्रमादेवी महात्रिपुरभैरवी ।
श्रीमाता ललिता बाला राजराजेश्वरी शिवा ॥ २५॥
उत्पत्तिस्थितिसंहारक्रमचक्रनिवासिनी ।
अर्धमेर्वात्मचक्रस्था सर्वलोकमहेश्वरी ॥ २६॥
वल्मीकपुरमध्यस्था जम्बूवननिवासिनी ।
अरुणाचलशृङ्गस्था व्याघ्रालयनिवासिनी ॥ २७॥
श्रीकालहस्तिनिलया काशीपुरनिवासिनी ।
श्रीमत्कैलासनिलया द्वादशान्तमहेश्वरी ॥ २८॥
श्रीषोडशान्तमध्यस्था सर्ववेदान्तलक्षिता ।
श्रुतिस्मृतिपुराणेतिहासागमकलेश्वरी ॥ २९॥
भूतभौतिकतन्मात्रदेवताप्राणहृन्मयी ।
जीवेश्वरब्रह्मरूपा श्रीगुणाढ्या गुणात्मिका ॥ ३०॥
अवस्थात्रयनिर्मुक्ता वाग्रमोमामहीमयी ।
गायत्रीभुवनेशानीदुर्गाकाळ्यादिरूपिणी ॥ ३१॥
मत्स्यकूर्मवराहादिनानारूपविलासिनी ।
महायोगीश्वराराध्या महावीरवरप्रदा ॥ ३२॥
सिद्धेश्वरकुलाराध्या श्रीमच्चरणवैभवा ॥ ३३॥
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री (Lal Kitab Horoscope) बनवाए केवल 500/- (Only India Charges) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 (Paid Services)
30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- (Only India Charges) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here