Chandraghanta Kavach 2025 : नवरात्रि में ऐसे करें मां चंद्रघंटा कवच, इससे जीवन के समस्त दुखों से मुक्ति मिलेगी मां दुर्गा अपने तृतीय स्वरूप में चन्द्रघंटा के नाम से जानी जाती हैं पिण्डजप्रवरारूढाचण्डकोपास्यकैर्युता। प्रसादं तनुते महं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥ भगवती दुर्गा अपनी तीसरे स्वरूप में चन्द्रघंटा नाम से जानी जाती हैं नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है इनका रूप परम शांतिदायकऔर कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है इसी कारण से इन्हें चन्द्रघंटादेवी कहा जाता है।

Chandraghanta Kavach 2025 : नवरात्रि में ऐसे करें मां चंद्रघंटा कवच, इससे जीवन के समस्त दुखों से मुक्ति मिलेगी इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं, इनके दस हाथ हैं, इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र, बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उदधृत रहने की होती है इनके घंटे सी भयानक चंडध्वनिसे अत्याचारी दानव, दैत्य, राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं।
माता चंद्रघंटा देवी कवच
!! कवच !!
रहस्यं श्रणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचं सर्वसिद्धि दायकम्॥
बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोद्धारं बिना होमं।
स्नान शौचादिकं नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिकम॥
कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय च।
न दातव्यं न दातव्यं न दातव्यं कदाचितम्॥
माता चंद्रघंटा देवी कवच के लाभ
विशेष : भगवती दुर्गाचंद्रघण्टा का ध्यान, स्तोत्र और कवच का पाठ करने से मणिपुर चक्र जाग्रत हो जाता है जिससे सांसारिक परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
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