Brahmacharini Stotra 2025 : मां ब्रह्मचारिणी के इस स्तोत्र का पाठ करने से दूर होती हैं मुश्किलें मां दुर्गा अपने द्वितीय स्वरूप में ब्रह्मचारिणी के रूप में जानी जाती हैं दधानाकरपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलम्! देवी प्रसीदतुमयिब्रह्म ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है।
Brahmacharini Stotra 2025 : मां ब्रह्मचारिणी के इस स्तोत्र का पाठ करने से दूर होती हैं मुश्किलें ब्रह्म का अर्थ है, तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया, वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म, वेद, तत्व और ताप [ब्रह्म] अर्थ है ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है, इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमण्डल रहता है।
माँ ब्रह्मचारिणी देवी स्तोत्र
!! ध्यान !!
वन्दे वांच्छितलाभायचन्द्रर्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलुधराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णास्वाधिष्ठानास्थितांद्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
धवल परिधानांब्रह्मरूपांपुष्पालंकारभूषिताम्॥
पद्मवंदनापल्लवाराधराकातंकपोलांपीन पयोधराम्।
कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीनिम्न नाभि नितम्बनीम्॥
!! स्तोत्र !!
तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारिणीम्।
ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
नवचक्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्।
धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदामानदा,ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।
माँ ब्रह्मचारिणी देवी स्तोत्र के लाभ
विशेष : भगवती ब्रह्मचारिणी का ध्यान, स्तोत्र और कवच का पाठ करने से मणिपुर चक्र जाग्रत हो जाता है जिससे सांसारिक परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
Brahmacharini Stotra 2025 Check
नवरात्रि उपाय, मंत्र, राशि उपाय आदि जानकारी यहां देखें: यहां से जुड़ें
10 साल उपाय के साथ लाल किताब कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: यहां क्लिक करें
वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: यहां क्लिक करें
नवरात्रि संबधित जानकारी के लिए हमारे WhatsApp ग्रुप्स से: यहां से जुड़ें