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असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें || Asli Rudraksh Ki Pehchan Kaise Kare
यंहा हम आपको Asli Rudraksh को पहचाने के बारे में बताने जा रहे हैं ! Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें || Asli Rudraksh Ki Pehchan Kaise Kare को पढ़कर आप भी रुद्राक्ष की असली या नकली होने की पहचान कर सकोंगे !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Asli Rudraksh Ki Pehchan Kaise Kare By Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.
असली रुद्राक्ष की पहचान बताये || Asli Rudraksh Ki Pehchan Bataye
- एक कटोरे में पानी उबालें उसके बाद इस उबलते हुए पानी में एक-दो मिनट के लिए रूद्राक्ष डाल दें । उसके बाद कटोरे को आंच से उतारकर ढक दें । दो चार मिनट बाद ढक्कन हटा कर रूद्राक्ष निकालकर ध्यान से देखें । यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह Asli Rudraksh होगा ।
- यदि रूद्राक्ष में किसी प्रकार का जोड़ लगाया होगा तो वह फट जाएगा । दो रूद्राक्षों को चिपकाकर यदि गौरीशंकर रूद्राक्ष बनाया हो या शिवलिंग, सांप आदि चिपकाए होंगे तो वह अलग हो जाएंगे ।
- यदि जिन रूद्राक्षों में सोल्यूशन भरकर उनके मुख बंद करे होंगे तो उनके मुंह खुल जाएंगे । यदि रूद्राक्ष प्राकृतिक तौर पर फटा होगा तो थोड़ा और फट जाएगा । बेर की गुठली होगी तो नर्म पड़ जाएगी, परन्तु यदि Asli Rudraksh हुआ तो उसमे अधिक अंतर नहीं पड़ेगा । यदि रूद्राक्ष पर से रंग उतारना हो तो उसे नमक मिले पानी में डालकर गर्म करें उसका रंग हल्का पड़ जाएगा । वैसे रंग करने से रूद्राक्ष को नुकसान नहीं होता है ।
- दो अंगूठों या दो तांबे के सिक्कों के बीच घूमने वाला Asli Rudraksh है यह भी एक भ्रांति ही है । इस तरह रखी गई वस्तु किसी दिशा में तो घूमेगी ही । यह उस पर दिए जाने दबाव पर निर्भर करता है।
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- इसके आलावा यदि आप Asli Rudraksh को पानी में डाल दें अगर वह डूब जाता है तो Asli Rudraksh नहीं नकली । लेकिन यह जांच अच्छी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है । शीशम की लकड़ी के बने रूद्राक्ष आसानी से पानी में डूब जाते हैं।
- Asli Rudraksh को सुई से कुदेरने पर रेशा निकले तो असली और कोई और रसायन निकले तो नकली असली रुद्राक्ष होता है देखे तो उनके पठार एक दुसरे से मेल नही खाते होगे पर नकली रुद्राक्ष देखो या उनके ऊपरी पठार एक जैसे नजर आयेगा परन्तु इस जाँच से रुद्राक्ष ख़राब हो जाता हैं ।
- नकली रुद्राक्ष की धारिया सीधी होगी पर Asli Rudraksh की धारिया आढी टेडी होगी ।
- यदि Asli Rudraksh को सरसों के तेल मे डालें तो रुद्राक्ष अपने रंग से गहरा दिखने लगे तो समझो वो एक दम Asli Rudraksh है ।
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- यदि रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह Asli Rudraksh होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है, किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट और ख़राब हो जाता है !
- यदि शुद्ध सरसों के तेल में रूद्राक्ष को डालकर 10 मिनट तक गर्म किया जाये तो Asli Rudraksh होने पर वह अधिक चमकदार हो जायेगा और यदि नकली है तो वह धूमिल हो जायेगा ।
- प्रायः गहरे रंग के रूद्राक्ष को अच्छा माना जाता है और हल्के रंग वाले को नहीं । असलियत में रूद्राक्ष का छिलका उतारने के बाद उस पर रंग चढ़ाया जाता है । बाजार में मिलने वाली रूद्राक्ष की मालाओं को पिरोने के बाद पीले रंग से रंगा जाता है। रंग कम होने से कभी-कभी हल्का रह जाता है। काले और गहरे भूरे रंग के दिखने वाले रूद्राक्ष प्रायः इस्तेमाल किए हुए होते हैं, ऐसा रूद्राक्ष के तेल या पसीने के संपर्क में आने से होता है ।
- कुछ रूद्राक्षों में प्राकृतिक रूप से छेद होता है ऐसे रूद्राक्ष बहुत शुभ माने जाते हैं । जबकि ज्यादातर रूद्राक्षों में छेद करना पड़ता है।
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- प्रायः बेर की गुठली पर रंग चढ़ाकर उन्हें Asli Rudraksh कहकर बेच दिया जाता है। रूद्राक्ष की मालाओं में बेर की गुठली का ही उपयोग किया जाता है ।
- रुद्राक्ष के दानों को तेज धूप में काफी समय तक रखने से अगर रुद्राक्ष पर दरार न आए या वह टूटे नहीं तो Asli Rudraksh माने जाते हैं.
- रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए ।
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