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अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Vidhi || Angarki Chaturthi Puja Vidhi
हिन्दू ग्रंथों के अनुसार चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत एवं पूजन किया जाता हैं। जब संकष्टी चतुर्थी तिथि मंगलवार के दिन आती है तो उसे अंगारकी चतुर्थी या अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से जातक को वर्ष की सभी संकष्टी चतुर्थीयों के समान जितना व्रत का पुण्य प्राप्त होता हैं। अंगारकी चतुर्थी व्रत वर्ष के छ: माह में एक बार आती हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान हैं। ऐसी मान्यता है की गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश का व्रत एवं पूजन करने से जातक के जीवन के सभी प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता हैं। Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Vidhi || Angarki Chaturthi Puja Vidhi के बारे में पढ़कर आप भी अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि पूर्वक कर सकोगें !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Angarki Sankashti Chaturthi Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Vidhi || Angarki Chaturthi Puja Vidhi
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत कब हैं ? 2021 || Angarki Sankashti Chaturthi Vrat Puja 2021 Date
इस वर्ष में अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत व पूजा 23 नवम्बर, 2021 वार मंगलवार के दिन किया जायेगा।
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा सामग्री || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Samagri
श्री गणेश की प्रतिमा या फोटो, फूलों की मालाएं, फल, मोतीचूर या बेसन के लड़्ड़ुओं, रोली या कुमकुम, घी का दीपक, धूपबत्ती, सिंदूर, और घी मिलाकर चोला, और जनेऊ आदि।
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अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Vidhi || Angarki Chaturthi Puja Vidhi
- इस दिन जातक को प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करके साफ़ वस्त्र ( लाल रंग के कपड़े ) धारण करने चाहिये।
- उसके बाद पूजा स्थल पर जाकर पूर्व मुखी होकर लाल आसन पर बैठ जाए |
- और अपने सामने श्री गणेश जी की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें | और पंचामृत से अभिषेक करें।
- उसके बाद शुद्ध घी का दीपक और धूपबत्ती जलाए |
- फिर सिंदूर और घी मिलाकर चोला चढ़ायें और जनेऊ अर्पित करें।
- और नीचे दिए गये मंत्र का जाप करते हुए भगवान श्री गणेश जी की पूजा करें –
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा मंत्र || Angarki Sankashti Chaturthi Puja Mantra
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
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- श्री गणेश जी को रोली या कुमकुम का तिलक लगाकर अक्षत लगायें और गंध और पुष्प अर्पित करें।
- फल, पान और सुपारी अर्पित करें। और श्री गणेश जी को मोतीचूर या बेसन के लड़्ड़ुओं का भोग लगायें।
- उसके बाद फिर श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करके श्री गणेश जी की आरती करें।
- व्रती को दिन पूजा के उपरांत फलाहार का सेवन करें, इस दिन सेंधा नमक का सेवन भी ना करें।
- संध्या के समय श्री गणेश जी के सामने दीपक और धुप जलाकर पूजन करके अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा पढ़े या सुने।
- पूजा करने के बाद रात्रि को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही भोजन करें।
- अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से लेकर रात्रि को चंद्रमा के दर्शन तक रखा जाता हैं। रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता हैं। पुरे साल में केवल भाद्रपद मास की कलंक चतुर्थी के दिन ही चंद्र दर्शन निषेध माना जाता हैं।
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अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पूजा महत्व / लाभ / फायदे || Benefits of Angarki Sankashti Chaturthi Puja
- इस व्रत के करने से गृह क्लेश से मुक्ति मिलती हैं, और घर-परिवार में शांति बनी रहती हैं।
- Angarki Sankashti Chaturthi Puja करने से जातक के घर-परिवार से सभी प्रकार की नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
- जातक समस्त ऋणों से मुक्त हो जाता हैं।
- इस व्रत को करने से जातक की समस्त मनोकामनायें पूरी होती हैं। और सभी प्रकार के कार्यों मे सफलता प्राप्त होती है।
- सभी प्रकार की समस्याओं और विपत्तियों नष्ट हो जाती हैं।
- जातक के यंहा धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती हैं।
- Angarki Sankashti Chaturthi Puja करने से भगवान श्री गणेश जी की कृपा से समस्त प्रकार के रोगों का नाश होता हैं।
- साधक के सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं।
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