बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi

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बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi 

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाती हैं। बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान श्री विष्णु और भगवान श्री शिव की पूजा अर्चना करने का विधान हैं। इस दिन का व्रत एवं पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता हैं और मरणोपरांत बैकुंठ धाम को जाता हैं। Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi के बारे में पढ़कर आप भी बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि पूर्वक कर सकोगें !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi

बैकुंठ चतुर्दशी का महत्व (महात्म्य) || Vaikuntha Chaturdashi Ka Mahatva 

  • Vaikuntha Chaturdashi Puja करने से साधक के सभी प्रकार के पापों का नाश होता हैं।
  • साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।
  • इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का भी विधान हैं ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती हैं और उनका आशीर्वाद प्रदान होता हैं।
  • जातक इस लोक के सभी तरह के सुखों को भोगकर मरणोपरांत बैकुंठ धाम या मोक्ष को प्राप होता हैं।
  • Vaikuntha Chaturdashi Puja करने से जातक के सभी तरह के रोग से मुक्ति पाता हैं।

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बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Puja Vidhi

वैकुण्ठ चतुर्दशी व्रत के दिन भगवान विष्णु व शिव जी दोनों की पूजा अर्चना की जाती हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजन विधि सूर्योदय यानि की प्रात:काल के समय की जाती है और भगवान श्री विष्णु की पूजा मध्यरात्रि के समय की जाती हैं।

बैकुंठ चतुर्दशी पर शिव पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Par Shiv Puja Vidhi

  • बैकुंठ चतुर्दशी के दिन जातक को सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान आदि करके साफ़ कपड़े धारण करें ।
  • उसके बाद अपने घर के पास वाले शिवालय में जाए ।
  • मंदिर में जाकर “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए कच्चा दूध, दही और गंगा जल मिश्रित से शिवलिंग का अभिषेक करें।

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  • फिर बिल्वपत्र, आंकड़ा, धतूरा, पुष्प और मौसमी फल शिवलिंग पर अर्पित करें। 
  • उसके बाद भोग में सफ़ेद मिठाई अर्पित करके धूपबत्ती और घी का दीपक जलाकर रुद्राष्टक और शिवमहिम्नस्त्रोत का वही बैठकर पाठ करें। 
  • फिर भगवान शिव की आरती करके प्रार्थना करें ।

विशेष : बैकुंठ चतुर्दशी के दिन वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर सूर्योदय के समय स्नान करना अति शुभ माना जाता हैं। इसे मणिकर्णिका स्नान कहा जाता हैं।

बैकुंठ चतुर्दशी पर विष्णु पूजा विधि || Vaikuntha Chaturdashi Par Vishnu Puja Vidhi

  • बैकुंठ चतुर्दशी की मध्यरात्रि होने से पहले जातक को स्नान आदि करके साफ़ कपड़े धारण करें ।
  • उसके बाद अपने पूजा कक्ष में जाकर चोकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान श्री विष्णु जी की प्रतिमा या फोटो और कलश की स्थापना करें।
  • उसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो का पंचामृत से अभिषेक करें।
  • उन्हें चंदन और कुमकुम का तिलक करके अखंडित अक्षत चढ़ायें। 

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  • फिर धूपबत्ती और शुद्ध घी का दीपक जलाकर फल व फूल अर्पित करके पंच मेवा और मखाने की बनी खीर का भोग लगायें।
  • और विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करते हुये 1000 कमल के पुष्प भगवान विष्णु जी को अर्पित करें। 
  • फिर विष्णुसहस्त्रनाम, पुरूष सूक्त और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। 
  • बैकुंठ चतुर्दशी व्रत कथा का पाठ करे या श्रवण करके भगवान विष्णु जी की आरती करें।

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