Papankusha Ekadashi Puja Vidhi सभी पापों को नष्ट करता है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानें महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

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पापांकुशा एकादशी पूजा विधि || Papankusha Ekadashi Puja Vidhi || Papankusha Ekadashi Vrat Puja

Papankusha Ekadashi Puja Vidhi सभी पापों को नष्ट करता है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानें महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त : आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी के मनाई जाती हैं। जैसा कि इस पापांकुशा एकादशी के नाम से प्रतीक होता है, की पापों पर अंकुश लगाने वाली। यह एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योकि यह मनुष्य के पापों को ऐसे नियंत्रित करती है जैसे की हाथी को महावत एक अंकुश से नियंत्रित में कर लेता हैं। पापांकुशा एकादशी व्रत एवं पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते है और हृदय निर्मल हो जाता हैं। Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे पापांकुशा एकादशी पूजा विधि || Papankusha Ekadashi Puja Vidhi || Papankusha Ekadashi Vrat Puja को करके आप भी पापांकुशा एकादशी की पूजा करके अपनी समस्त मनोकामना पूरी करा सकते हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Papankusha Ekadashi Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi. 

 

Papankusha Ekadashi Puja Vidhi सभी पापों को नष्ट करता है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानें महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

 

इस वर्ष 2022 में पापांकुशा एकादशी का व्रत पूजा 6 अक्टूबर, वार शुकवार के दिन किया जायेगा।

पापांकुशा एकादशी पूजा मुहूर्त || Papankusha Ekadashi Puja Muhurat 

5 अक्टूबर 2022 से दोपहर 12:00 बजे से 

6 अक्टूबर 2022 सुबह 09:40 बजे तक 

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पापांकुशा एकादशी का महात्म्य (महत्व) हैं? || Papankusha Ekadashi Puja Ka Mahatva 

हमारे हिंदु मान्यता के अनुसार Papankusha Ekadashi Puja को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। पापांकुशा एकादशी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसका व्रत एवं पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पापों से मुक्ति अर्थात इसका पुण्य मिलता हैं।

  • पापांकुशा एकादशी पूजा श्रद्धा-भक्ति और सच्चे हृदय से करने से जातक का मन शुद्ध व निर्मल होता हैं।
  • पापांकुशा एकादशी करने से मनुष्य अपने समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। और उसके सभी पाप कर्मों का प्रायश्चित हो जाता हैं।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत के प्रभाव से साधक के साथ-साथ ही उसके माता-पिता और उसके अन्य साथियों को भी उनके पापों से मुक्ति मिल जाती हैं।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत करने से जातक को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।
  • मनुष्य संसार के सभी सुखों को भोगकर अंत में मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक को जाता हैं।

पापांकुशा एकादशी पूजा विधि || Papankusha Ekadashi Puja Vidhi || Papankusha Ekadashi Vrat Puja

पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती हैं। अन्य एकादशी की भांति Papankusha Ekadashi Puja व्रत भी एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि की रात से ही आरम्भ हो जाता है। दशमी की रात से ही मनुष्य को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये।

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  • पापांकुशा एकादशी के दिन प्रात: काल साधक को सूर्यादय से पूर्व उठकर नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनकर व्रती को व्रत का संकल्प लेना चाहिये। पापांकुशा एकादशी पूजा करने वाली स्त्री को इस दिन सिर नही धोना चाहिए।
  • Papankusha Ekadashi Puja व्रत का संकल्प लेने के बाद कलश की स्थापना करके उस पर भगवान विष्णु या उनके स्वरूप भगवान पद्मनाभ की फोटो या प्रतिमा रखें। 
  • उसके बाद पंचामृत से स्नान करें, फिर चंदन से तिलक करें व नेवैद्य अर्पित करें। और फल-फूल अर्पित करके और धूप, दीप जलाए।
  • उसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करके Papankusha Ekadashi Puja व्रत कथा और महात्म्य या सुनें। फिर आरती करें।
  • व्रती दिन भर का उपवास करें। संध्या के समय भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करके आरती करें फिर बाद फलाहार करें।
  • व्रती की रात्रि को प्रभु का स्मरण और जागरण अवश्य करें। 
  • Papankusha Ekadashi Puja के अगले दिन द्वादशी तिथि को ब्राह्मण को भोजन करवाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दे। और उसके बाद स्वयं भोजन करें।

पापांकुशा एकादशी पूजा के नियम || Papankusha Ekadashi Puja Ke Niyam || Papankusha Ekadashi Vrat Ke Niyam

पापांकुशा एकादशी के दिन पर भूल कर भी यह काम ना करें।

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  • इस दिन व्रती स्त्रियाँ को सिर नही धोना चाहिए। 
  • Papankusha Ekadashi Puja के दिन भूल कर भोजन में चावल का सेवन ना करें।
  • इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • जितना संभव हो मौन रखें या कम बोलें, और बिल्कुल भी क्रोध ना करें।

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