रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे WhatsApp Group पर जुड़ें Join Now

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे Telegram Group पर जुड़ें Join Now

श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram || Kalki Ashtottara Shatanama Stotra

श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Ke Fayde, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Ke Labh, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Benefits, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Pdf, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Mp3 Download, Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram Lyrics.

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope  ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram

श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् भगवान कल्कि जी को समर्पित हैं ! श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram By Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

श्री कल्कि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || Shri Kalki Ashtottara Shatanama Stotram

कल्की कल्की कल्किहन्ता कल्किजित्कलिमारकः ।

कल्क्यलभ्यः कल्मषघ्नः कल्पितक्षोणिमङ्गलः ॥ १॥

कलिताश्वाकृतिः कन्तुसुन्दरः कञ्जलोचनः ।

कल्याणमूर्तिः कमलाचित्तचोरः कलानिधिः ॥ २॥

कमनीयः कलिनिशाकल्यनामा कनत्तनुः ।

कलानिधिसहस्राभा कपर्दिगिरिसन्निभः ॥ ३॥

कन्दर्पदर्पदमनः कण्ठीरवपराक्रमः ।

कन्धरोच्चलितश्वेतपटानिर्धूतकन्धरः ॥ ४॥

कठोरहेषानिनदत्रासिताशेषमानुषः ।

कविः कवीन्द्रसंस्तुत्यः कमलासनसन्नुतः ॥ ५॥

कनत्खुराग्रकुलिशचूर्णीकृताखिलाचलः ।

कचित्तदर्पदमनगमनस्तम्भिताहिपः ॥ ६॥

कलाकुलकलाजालचलवालामलाचलः ।

कल्याणकान्तिसन्तान पारदक्षालिताखिलः ॥ ७॥

कल्पद्रुकुसुमाकीर्णः कलिकल्पमहीरुहः ।

कचन्द्राग्नीन्द्ररुद्रादि बुधलोकमयाकृतिः ॥ ८॥

कञ्जासनाण्डामितात्मप्रतापः कन्धिबन्धनः ।

कठोरखुरविन्यासपीडिताशेषभूतलः ॥ ९॥

कबलीकृतमार्ताण्डहिमांशुकिरणाङ्कुरः ।

कदर्थीकृतरुद्रादिवीरवर्यः कठोरदृक् ॥ १०॥

कविलोकामृतासार वर्षायितदृगावलिः ।

कदात्मायुर्घृतग्राहिकोपाग्निरुचिदृक्ततिः ॥ ११॥

कठोरश्वासनिर्धूतखलतूलावृताम्बुधिः ।

कलानिधिपदोद्भेदलीलाकृतसमुत्प्लवः ॥ १२॥

कठोरखुरनिर्भेदक्रोशदाकाशसंस्तुतः ।

कञ्जास्याण्डबिभित्योर्थ्वदृष्टिश्रुतियुगाद्भुतः ॥ १३॥

कनत्पक्षद्वयव्याज शङ्खचक्रोपशोभितः ।

कदर्थीकृतकौबेरशङ्खश्रुतियुगाञ्चितः ॥ १४॥

कलितांशुगदावालः कण्ठसन्मणिविभ्रमः ।

कलानिधिलसत्फालः कमलालयविग्रहः ॥ १५॥

कर्पूरखण्डरदनः कमलाबडबान्वितः ।

करुणासिन्धुफेनान्तलम्बमानाधरोष्टकः ॥ १६॥

कलितानन्तचरणः कर्मब्रह्मसमुद्भवः ।

कर्मब्रह्माब्जमार्ताण्डः कर्मब्रह्मद्विरर्दनः ॥ १७॥

कर्मब्रह्ममयाकारः कर्मब्रह्मविलक्षणः ।

कर्मब्रह्मात्यविषयः कर्मब्रह्मस्वरूपवित् ॥ १८॥

कर्मास्पृष्टः कर्महीनः कल्याणानन्दचिन्मयः ।

कञ्जासनाण्डजठरः कल्पिताखिलविभ्रमः ॥ १९॥

कर्मालसजनाज्ञेयः कर्मब्रह्ममतासहः ।

कर्माकर्मविकर्मस्थः कर्मसाक्षी कभासकः ॥ २०॥

कचन्द्राग्न्युडुतारादिभासहीनः कमध्यगः ।

कचन्द्रादित्यलसनः कलावार्ताविवर्जितः ॥ २१॥

करुद्रमाधवमयः कलाभूतप्रमातृकः ।

कलितानन्तभुवन सृष्टिस्थितिलयक्रियः ॥ २२॥

करुद्रादि तरङ्गाध्यस्वात्मानन्दपयोदधिः ।

कलिचित्तानन्दसिन्धुसम्पूर्णानङ्कचन्द्रमाः ॥ २३॥

कलिचेतस्सरोहंसः कलिताखिलचोदनः ।

कलानिधिवरज्योत्स्नामृतक्षालितविग्रहः ॥ २४॥

कपर्दिमकुटोदञ्चद्गङ्गापुष्करसेवितः ।

कञ्जासनात्ममोदाब्धितरङ्गार्द्रानिलार्चितः ॥ २५॥

कलानिधिकलाश्वेतशारदाम्बुदविग्रहः ।

कमलावाङ्मरन्दाब्धिफेनचन्दनचर्चितः ॥ २६॥

कलितात्मानन्दभुक्तिः करुङ्नीराजिताकृतिः ।

कश्यपादिस्तुतख्यातिः कविचेतस्सुमार्पणः ॥ २७॥

कलिताकारसद्धर्मः कलाफलमयाकृतिः ।

कठोरखुरघातात्तप्राणाधर्मवशुः कलिजित् ॥ २८॥

कलापूर्णीकृतवृषः कल्पितादियुगस्थितिः ।

कम्रः कल्मषपैशाचमुक्ततुष्टधरानुतः ॥ २९॥

कर्पूरधवलात्मीय कीर्तिव्याप्तदिगन्तरः ।

कल्याणात्मयशोवल्लीपुष्पायितकलानिधिः ॥ ३०॥

कल्याणात्मयशस्सिन्धु जाताप्सरसनर्तितः ।

कमलाकीर्तिगङ्गाम्भः परिपूर्णयशोम्बुधिः ॥ ३१॥

कमलासनधीमन्थमथितानन्दसिन्धुभू ।

कल्याणसिन्धुः कल्याणदायी कल्याणमङ्गलः ॥ ३२॥

30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges  ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

<<< पिछला पेज पढ़ें                                                                                                                      अगला पेज पढ़ें >>>


यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे WhatsApp Group पर जुड़ें Join Now

रोजाना फ्री टिप्स के लिए हमसे Telegram Group पर जुड़ें Join Now